ITR Filing: आखिरी तारीख नजदीक, बचा है सिर्फ 5 दिन का समय – नहीं भरा तो होगा भारी नुकसान

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ITR Filing

ITR Filing: आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा खत्म होने वाली है। ITR Filing की डेडलाइन को 31 दिसंबर 2024 से बढ़ाकर 15 जनवरी 2025 कर दिया गया है। यह उन टैक्सपेयर्स के लिए आखिरी मौका है, जो अब तक अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं कर सके हैं। साथ ही, यह मौका उन लोगों के लिए भी है, जो पहले फाइल की गई ITR में किसी गलती को सुधारना चाहते हैं।

आयकर रिटर्न फाइल करना न केवल एक कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह आपकी वित्तीय पारदर्शिता और भविष्य की योजनाओं के लिए भी जरूरी है। देर से रिटर्न दाखिल करने पर ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है। इस लेख में, हम आपको बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न की प्रक्रिया, जुर्माने की जानकारी, और ITR Filing के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताएंगे।

Overview Table: ITR Filing

ITR Filing से संबंधित जानकारीमहत्वपूर्ण विवरण
बिलेटेड रिटर्न की अंतिम तिथि15 जनवरी 2025
रिवाइज्ड रिटर्न की अंतिम तिथि15 जनवरी 2025
बिलेटेड रिटर्न का प्रावधानआयकर अधिनियम की धारा 139(4)
रिवाइज्ड रिटर्न का प्रावधानआयकर अधिनियम की धारा 139(5)
देर से रिटर्न फाइल करने पर जुर्माना₹1,000 से ₹5,000 (आय के आधार पर)
आयकर विभाग की वेबसाइटwww.incometax.gov.in

बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न: समझें दोनों का फर्क

बिलेटेड रिटर्न और रिवाइज्ड रिटर्न टैक्सपेयर्स को अपना रिटर्न सही समय पर दाखिल न करने या उसमें सुधार करने का एक और मौका प्रदान करते हैं।

बिलेटेड रिटर्न क्या है?

  • बिलेटेड रिटर्न वह रिटर्न है जो आयकर अधिनियम की धारा 139(4) के तहत फाइल किया जाता है।
  • यह उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जो समय सीमा (31 जुलाई 2024) के भीतर अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर सके।
  • अब ऐसे लोग 15 जनवरी 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

रिवाइज्ड रिटर्न क्या है?

  • रिवाइज्ड रिटर्न आयकर अधिनियम की धारा 139(5) के तहत फाइल किया जाता है।
  • यह उन लोगों के लिए है, जिन्होंने पहले ITR फाइल की है लेकिन उसमें किसी गलती को सुधारने की जरूरत है।
  • इसकी अंतिम तारीख भी 15 जनवरी 2025 है।

ITR Filing के लिए प्रक्रिया

आयकर रिटर्न फाइल करना अब पहले से अधिक सरल और डिजिटल हो गया है। आप नीचे दिए गए चरणों का पालन करके आसानी से अपना ITR फाइल कर सकते हैं:

स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:

  1. आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाएं:
    सबसे पहले www.incometax.gov.in पर जाएं।
  2. लॉग-इन करें:
    अपने PAN नंबर और पासवर्ड का उपयोग करके लॉग-इन करें।
  3. ITR फॉर्म का चयन करें:
    संबंधित असेसमेंट ईयर (2024-25) के लिए सही ITR फॉर्म चुनें।
  4. जानकारी भरें:
    अपनी आय, कटौती, और टैक्स भुगतान की जानकारी सही तरीके से भरें।
  5. टैक्स का भुगतान करें:
    यदि आपके ऊपर कोई बकाया टैक्स है, तो उसे ऑनलाइन भुगतान करें।
  6. वेरिफिकेशन करें:
    आधार OTP, नेट बैंकिंग, या डिजिटल सिग्नेचर (DSC) का उपयोग करके वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करें।
  7. सबमिट करें:
    सभी विवरणों की जांच करें और रिटर्न सबमिट करें।

देरी से ITR Filing करने पर पेनाल्टी

यदि आप तय समय तक अपना ITR दाखिल नहीं करते, तो आपको धारा 234F के तहत जुर्माना भरना पड़ सकता है।

पेनाल्टी का विवरण:

  1. ₹5 लाख से अधिक आय पर:
    यदि आपकी कुल आय ₹5 लाख से अधिक है, तो जुर्माना ₹5,000 तक हो सकता है।
  2. ₹5 लाख से कम आय पर:
    यदि आपकी कुल आय ₹5 लाख से कम है, तो जुर्माना केवल ₹1,000 तक सीमित रहेगा।

जुर्माना न भरने के अन्य परिणाम:

  • कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
  • जुर्माने के साथ-साथ ब्याज का भुगतान भी करना होगा।
  • क्रेडिट स्कोर और वित्तीय साख पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

समय पर ITR Filing के फायदे

  1. कर चोरी से बचाव:
    समय पर रिटर्न दाखिल करने से आप किसी भी कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।
  2. फाइनेंशियल साख:
    ITR आपकी आय और वित्तीय स्थिति का प्रमाण होता है, जो लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी है।
  3. भविष्य की योजना:
    समय पर ITR फाइल करने से आप अपनी वित्तीय योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू कर सकते हैं।
  4. पारदर्शिता:
    यह प्रक्रिया आपको अपने टैक्स की जिम्मेदारियों को पारदर्शी तरीके से निभाने का अवसर देती है।

ITR Filing न करने के नुकसान

यदि आप ITR दाखिल करने की समय सीमा चूक जाते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

  1. जुर्माना और ब्याज:
    देरी से रिटर्न दाखिल करने पर न केवल जुर्माना बल्कि ब्याज का भुगतान भी करना पड़ सकता है।
  2. टैक्स नोटिस:
    आयकर विभाग आपकी आय और खर्चों की जांच कर सकता है और आपको नोटिस भेज सकता है।
  3. वित्तीय साख का नुकसान:
    ITR फाइल न करने से आपकी क्रेडिट साख प्रभावित हो सकती है, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत हो सकती है।

ITR Filing में देरी को रोकने के उपाय

  1. डेडलाइन याद रखें:
    समय पर रिटर्न फाइल करने के लिए रिमाइंडर सेट करें।
  2. सही दस्तावेज तैयार करें:
    अपनी आय, कटौती, और टैक्स भुगतान के सभी दस्तावेज पहले से तैयार रखें।
  3. ऑनलाइन फाइलिंग का उपयोग करें:
    आयकर विभाग की वेबसाइट पर लॉग-इन करके प्रक्रिया को जल्दी पूरा करें।
  4. प्रोफेशनल की मदद लें:
    यदि आप प्रक्रिया से अनजान हैं, तो टैक्स कंसल्टेंट या चार्टर्ड अकाउंटेंट से मदद लें।

FAQs: ITR Filing

बिलेटेड रिटर्न क्या है?

बिलेटेड रिटर्न वह है जो तय समय सीमा (31 जुलाई 2024) के बाद फाइल किया जाता है।

रिवाइज्ड रिटर्न कब फाइल किया जा सकता है?

पहले फाइल की गई ITR में गलती सुधारने के लिए रिवाइज्ड रिटर्न फाइल किया जा सकता है।

पेनाल्टी कितनी होती है?

₹5 लाख से अधिक आय पर पेनाल्टी ₹5,000 है, जबकि ₹5 लाख से कम आय पर यह ₹1,000 तक सीमित है।

क्या ITR फाइल करना अनिवार्य है?

हां, यदि आपकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य है।

निष्कर्ष

ITR Filing की प्रक्रिया आपकी वित्तीय जिम्मेदारी और पारदर्शिता का प्रतीक है। यदि आपने अभी तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो आपके पास अब सिर्फ 5 दिन शेष हैं। डेडलाइन से पहले ITR फाइल करना न केवल जुर्माने से बचने का तरीका है, बल्कि यह आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने का भी माध्यम है।

समय पर ITR फाइल करें और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें। इससे आप जुर्माना, ब्याज और कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बना सकते हैं।

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